जाने करवा चौथ कब औऱ कैसे मनाए कहीं
आप से हो न जाये गलती
करवा चौथ 2024: कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर यानी आज मनाया जाएगा। धार्मिक सिद्धांतों के अनुसार करवा चौथ का व्रत अनोखा व्रत रखा जाता है। सिद्धांत यह है कि इस व्रत की विधि का पालन न करने से पति की आयु लंबी होती है। यह व्रत निर्जला रखा जाता है।
करवा चौथ 2024
करवा चौथ 2024: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। सिद्धांत यह है कि भगवान कृष्ण ने द्रौपदी को और भगवान शिव ने माता पार्वती को इस व्रत के बारे में बताया था। करवा चौथ का व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि में रखा जाता है। करवा चौथ पर मुख्य रूप से भगवान गणेश, माता गौरी और चंद्रमा की पूजा की जाती है। इस बार करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर यानी कल रखा जाएगा।
करवा चौथ के दिन चंद्रमा की पूजा करके महिलाएं अपने जीवन में सुख-शांति की कामना करती हैं और साथ ही अपने पति की लंबी उम्र की भी कामना करती हैं। करवा चौथ शुभ उत्सव (करवा चौथ 2024 शुभ उत्सव)
करवा चौथ
करवा चौथ 2024: व्रत, पूजन और चंद्रमा का समय? यहां जानें
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के अनुसार रखा जाता है। इस बार चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर यानी कल सुबह 6:46 बजे प्रारंभ होगी और तिथि 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 बजे समाप्त होगी।
करवाथ के लिए दो पूजा महोत्सव - प्रथम अभिजीत पुजारी सुबह 11:43 बजे से दोपहर 12:28 बजे तक और विजय महोत्सव 1:59 बजे से दोपहर 2:45 बजे तक।
करवा चौथ चन्द्रोदय समय
इस बार करवा चौथ चंद्रोदय के समय शाम 7:54 बजे होगी।
करवा चौथ 2024 पूजन विधि
सुबह सूर्योदय से पहले स्नान करके पूजा करके घर की सफाई करें। फिर सास द्वारा भोजन और भगवान की पूजा करके निर्जला व्रत का संकल्प लें। इस व्रत में सूर्य के दर्शन करने के बाद समुद्र तट पर पानी नहीं डालना चाहिए। शाम को सभी देवी-देवताओं को मिट्टी की वेदियाँ स्थापित करें। इसमें 10 से 13 करवे (करवा चौथ के लिए विशेष मिट्टी के बर्तन) शामिल हैं। थाली में धूप, दीप, चंदन, रोली, सिन्दूर आदि पूजन सामग्री। दीपक में पर्याप्त मात्रा में घी होना चाहिए ताकि वह पूरे समय जलता रहे।
चाँद से करीब एक घंटे पहले पूजा शुरू की गई। सबसे अच्छी बात यह होगी कि परिवार की सभी टीमें पूजा करें। पूजा के दौरान करवा चौथ की कथा या व्रत। छलनी से चंद्र दर्शन करना चाहिए और दर्शन के समय चंद्रमा को अर्घ्य देकर पूजा करनी चाहिए। चंद्र दर्शन के बाद बहू को एक थाली में मिठाई, फल, मेवे, पैसा आदि दिया गया सास को चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए और सास को उन्हें सदा सुहागन बनाए रखना का आशीर्वाद देना चाहिए ।
करवा चौथ पर ये बातें (KarwaChauth Precautions)
- - करवा चौथ की पूजा करने के बाद केवल महिलाओं को ही करवा बांधना चाहिए।
- व्रत रखने वाले को पूरे दिन गणेश मंत्र का जाप करना चाहिए।
- रात्रि में चांद आशियाने के बाद की परंपरा के अनुसार उसे अर्घ्य देना चाहिए। इसके साथ ही गणेश जी और चतुर्थी माता को भी अर्घ्य देना चाहिए।
- व्रत रखने वालों को भोजन से दूर रहने पर ध्यान देना चाहिए।
- व्रत कम से कम 12 या 16 साल तक करना चाहिए। इसके बाद उद्यापन किया जा सकता है।
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